skip to main
|
skip to sidebar
जिजीविषा...
Sunday, July 19, 2020
मरहम...
यूँ ना छोड़ो
अपनों के जख्मों को
कि भर ही जायेंगे
समय से
नासूर ना बनने दो जख्मों को
बस
मरहम लगा दो
समय से
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
कुछ अपने बारे में
shubhra gupta
View my complete profile
EMAIL
shubhrag1@gmail.com
यहाँ हैं नारद जी
कविता कोश
Blog Archive
►
2023
(1)
►
May
(1)
▼
2020
(14)
►
August
(2)
▼
July
(12)
कारगिल दिवस पर चार लाइन...
मोहब्बत...
मरहम...
बारिश जो मन को भिगा गई...
ठहराव...
माँ तुम सही थी...
नजरिया और समझदारी...
सुनसान सड़क साथी है खूबसूरत...
ससुराल का पहला मानसून...
चाहत...
अक्स...
शिकायत...
►
2015
(1)
►
January
(1)
►
2009
(1)
►
June
(1)
►
2007
(9)
►
July
(1)
►
June
(2)
►
April
(1)
►
March
(1)
►
February
(3)
►
January
(1)
No comments:
Post a Comment